हंस फाउंण्डेसन व वन विभाग के तत्वाधान में फायर फाइटरों को दिया गया वनाग्नि रोकथाम हेतु प्रशिक्षण
Training for forest fire prevention was given to fire fighters under the aegis of Hans Foundation and Forest Department.
बागेश्वर में हंस फाउंडेशन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सात गावों के वोलेंटियर फायर फाइटरों को प्रशिक्षण दिया गया। जिले के 200 गावों को इस परियोजना में शामिल किया गया है जिसमें अभी तक 55 गांवों के फायर फाइटरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण शिविर में सभी वोलेंटियर फायर फाइटरों को पारंपरिक और आधुनिक तरीके से आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वनाग्नि रोकथाम प्रशिक्षण में आग लगने पर उसे रोकने में क्या किया जाता है और आग लगने के दौरान कोई चोटिल होता है तो उसके प्राथमिक इलाज के बारे में एसडीआरएफ द्वारा सभी वोलेंटियर फायर फाइटरों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ लकड़ी और कंबल की सहायता से स्टेचर बनाना, रस्सी और लकड़ी की सहायता से स्टेचर बनाना, टू हैण्ड और थ्री हैंड शेक तकनीक के साथ ही रक्तश्राव होने की स्थिति में रक्त को रोकने की विभिन्न तकनीक सीखाई गई। प्रशिक्षण में सभी वोलेंटियर फायर फाइटरों को रिवर क्रॉसिंग की तकनीक एवं अन्य सुरक्षा उपाय भी बताए गए।
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विशेषज्ञ खीम सिंह रावत ने सभी वोलेंटियर फायर फाइटरों को बताया कि सभी वोलेंटियर फायर फाइटरों का 10 लाख का बीमा सुनिश्चत किया गया है। इसके साथ ही सभी गांवों में हंस वन अग्नि प्रबंधन समिति का गठन कर आग से नुकसान होने पर त्वरित आर्थिक सहायता हेतु समिति का बैंक खाता खोल लिया गया है।
वही वन क्षेत्राधिकारी श्याम सिंह करायत ने बताया कि हंस के सहयोग से इस बार जिले में जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए फायर फाइटरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीणों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है। जिससे आग को त्वरित रूप से काबू किया जा सके।