पूर्णाहूति के साथ रावल देवता बन्याथ महा अनुष्ठान का समापन्न्,रावल देवता दिवरा यात्रा कमेटी ने जताया सभी सहयोगियों का आभार
Rawal Devta Diwara Yatra Committee honored all the
-अन्तिम पलों मे भावुक हुऐ पांचों एरवाले।
-रावल देवता विराजे बिजराकोट स्थित अपने नियत स्थान पर।
रूद्रप्रयाग:विजराकोट में रावल देवता दिवरा यात्रा समिति द्वारा आयोजित बन्याथ महा अनुष्ठान यज्ञ का पूर्णाहूति व ब्रह्मढाला के साथ निर्बिध्न पूर्वक समापन्न हो गया है।
प्रातःकालीन पूजा के बाद हवन कार्यक्रम के बाद आराध्य भूमियाल देवता रावल व वीर लाटू देवता ने सभी भक्तों को आपना आशीष दिया । इस दौरान पांचों ऐरवाले,अध्यक्ष वृजमोहन पंवार, संयोजक सुनील पंवार समेत सभी भक्तजन भावुक हो गये।
कार्यक्रम के दौरान दिवरा यात्रा के दौरान सहयोग करने वाले सभी गणमान्यों का सम्मान समारोह मे स्मृति चिन्ह व फूल मालाओं से सम्मान किया गया।
पूर्णाहूति के दौरान यज्ञपुरूष को हवनकुंड में गिराने की परम्परा के दौरान हजारों भक्तों ने इस पल को अपने मोबाईल व कैमरे में कैद किया।
ब्रह्मढाला से पूर्व ऐरवालों से लाटू देवता का ब्रह्म छिनने की परम्परा का निर्वहन किया। इस दौरान सभी भक्तजन बहुत भावुक हो गये। परम्परा के अनुसार ऐरवालों को एक झोपड़ी में ले जाया गया जिस पर बाहर से आग लगाकर एरवालों को अनुष्ठान स्थल दूर किया जाता है।
कार्यक्रम के समापन्न पर अध्यक्ष वृजमोहन पंवार ने सभी पांच बानी गांवो व दिवारा यात्रा के दौरान भ्रमण किये गये सभी धियाणियों गांवों को और बन्याथ अनुष्ठान मे सहयोग देने वाले सभी भक्तों का ह्रदय से धन्यवाद किया।
वही कार्यक्रम के संयोजक सुनील पंवार ने सभी सहयोगियो,धियाणियों दिवरायात्रा समिति के पदाधिकारियो व सभी भक्तजनों का आभार व धन्यवाद किया।
बन्याथ समापन्न दिवस पर टुखिण्डा निवासी, संदीप नेगी,मंजू देवी,जीतपाल सिंह पंवार (मज्याणी) भनवाणी द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।
बन्याथ के अन्तिम पलों को देखने के लिए क्षेत्र के अनेक गांवों कस्बों व शहरों से हजारों भक्त आयोजन स्थल बन्नातोली पंहुचे।
इस दौरान सभी बानी गांवो व अनेक क्षेत्रों से पंहुचें भक्तजन,रावल देवता समिति के पदाधिकारी,विशाल संख्या में मातृशक्ति,युवावर्ग ,बुजूर्ग व गणमान्य लोग मौजूद रहे।