April 18, 2024

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की हाईब्रिड ओ.टी. में फैनेस्ट्रेटेड ईवार तकनीक से राज्य की पहली हार्ट सर्जरी

उत्तराखण्ड की मेडिकल सुविधाओं के लिहाज से फैनेस्ट्रेटेड ईवार तकनीक वैस्क्युलर मरीजों के उपचार में बेहद महत्वपूर्णं
सीमावर्ती राज्यों के वैस्क्युलर मरीजों को भी मिलेगा हाइटेक तकनीक की सुविधा का लाभ
मरीज़ की एक किडनी न होने की वजह से आॅपरेशन बेहद संवेदनशील था

देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की सी.टी.वी.एस. (काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जरी) विभाग एवम इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी विभाग ने मिलकर राज्य की पहली फैनेस्ट्रेटेड ईवार सर्जरी की। हाईब्रिड ऑपरेशन थियेटर में हुई अति संवेदनशील वैस्क्युलर सर्जरी से मरीज़ को नया जीवन मिला है। यह आॅपरेशन इस लिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि मरीज़ की एक किडनी नहीं है व दूसरी किडनी काफी कमजोर है। ऑपरेशन के बाद मरीज़ के स्वास्थ्य में सुधार है व उन्होंने अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सीटीवीएस व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी टीम को बधाई दी।
रुड़की निवासी 58 वर्षीय महिला वरीसा को दिल, गुर्दे व आंत को जोड़ने वाली मुख्य धमनी में सूजन थी। मेडिकल भाषा में इसे एओर्टा एन्युरिज्म (मुख्य धमनी की सूजन) कहा जाता है। मुख्य धमनी में सूजन की वजह से मरीज़ को पेट में असहनीय दर्द और अनियंत्रित उच्च रक्तचाप की शिकायत थी। समय रहते उपचार न मिलने पर मुख्य धमनी के फटने की भी सम्भावना बन रही थी। यह मरीज़ के लिए जानलेवा हो सकता था, जिससे अचानक मृत्यु होने/जान जाने का खतरा था। सामान्य तकनीक से इस बीमारी के उपचार की सर्जरी में बड़ा चीरा लगाकर बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन एवम् विभागाध्यक्ष डाॅ अरविंद मक्क्ड़ व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी प्रमुख डाॅ प्रशांत सारड़ा व उनकी टीम ने मिलकर मरीज़ का Fenestrated and Reverse Chimney Endovascular Aortic Aneurysm Repair तकनीक से सफल आॅपरेशन किया। मुख्य धमनी को बदला गया व धमनी की शाखाओं को रिपेयर किया गया। विदेशों में व देश के मैट्रो शहरों के नामचीन अस्पतालों में ही यह तकनीक उपलब्ध है। सामान्य तकनीक की तुलना में यह तकनीक मरीज़ के लिए ज्यादा कारगर है। क्योंकि इस तकनीक के ऑपरेशन में मरीज़ को छोटा चीरा, कम तकलीफ, जल्द रिकवरी, ऑपरेशन के दौरान होने वाला रिस्क भी कम रहता है।
वरिष्ठ काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन डाॅ अरविंद मक्क्ड़ व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी प्रमुख डाॅ प्रशांत सारडा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में फैनेस्ट्रेटेड ईवार विद चिमनी तकनीक का यह पहला ऑपरेशन है जो कि सफल रहा। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपलब्ध अत्याधुनिक हाईब्रिड ओ.टी., कुशल टैक्नीशियनों व वरिष्ठ डाॅक्टरों की टीम के बेहतर तालमेल से यह केस सफल रहा। उन्होंने ऑपरेशन में शामिल पूरी टीम सदस्यों का आभार जताया।

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