कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न और महिला यौन उत्पीड़न की जागरूकता के लिए फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने किया निःशुल्क कार्यशाला का आयोजन



Forgiveness Foundation Society organized a free workshop for awareness of sexual harassment in the workplace and sexual harassment of women.
देहरादून। मुख्य संवाददाता:
देश में हर घंटे 50 से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाएं हो रहीं हैं, नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले हर साल 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं, और उत्तराखंड राज्य में में बाल यौन शोषण के मामले 52 प्रतिशत बढ़े हैं, जो कि एक गम्भीर विषय है।
उत्तराखंड में भी महिलाओं के प्रति हिंसा बढ़ रही है। यहाँ यौन उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और जानमाल सुरक्षा के मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं।इसके अलावा, दबाव में या धमका कर मानसिक उत्पीड़न के मामलों में भी बढ़त हुई है। बीते तीन सालों में हर साल 500 से अधिक मामले सामने आये हैं। ये जानकारी प्रसिद्ध समाजसेवी मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने आज फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी के द्वारा शुरू की गई महिला अपराध संबंधी जागरूकता और बचाव के लिए कार्यक्रम में दी।
उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्षेत्र में भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और मानसिक उत्पीड़न के कई मामले सामने आते हैं। प्रत्येक दो में से एक महिला ने कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न का अनुभव किया है। जिसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश में इस विषय से जुड़े कानून को धरातल पर गम्भीरता से लागू करने के लिए कहा गया। 2013 में लागू हुए कानून के अंतर्गत राज्य में कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए अब तक 1562 समितियां गठित हो चुकी हैं, जिसमें 1549 सरकारी और 13 गैर सरकारी आईसीसी का गठन किया गया है, जो कि इस क्षेत्र में बहुत धीमा कार्य है और अभी बहुत कुछ किया जाना चाहिए।
कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न और महिला यौन उत्पीड़न की जागरूकता और बचाव के लिए उत्तराखंड की अग्रणी सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने इस विषय में जागरूकता और बचाव के लिए निशुल्क परामर्श, कार्यशाला और कानूनी सहायता देने की सुविधाएं उपलब्ध कराने की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत संस्था द्वारा कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न और महिला यौन उत्पीड़न की जागरूकता के लिए निशुल्क परामर्श, कार्यशाला और सेमीनार आयोजित किये जाते हैं। डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि संस्था द्वारा पिछले पाँच वर्षों में 2500 से ज्यादा महिलाओं को यौन उत्पीड़न, घरेलु हिंसा, छेड़छाड़ और महिला अपराधों के मामलों में निपुण, पेशेवर और कुशल परामर्शदाता सदस्यों द्वारा फोन, ऑनलाइन और व्यक्तिगत माध्यम से निशुल्क परामर्श सेवाएं देकर महिलाओं को सामान्य जीवन जीने में मदद की है। फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी से संपर्क करके कोई भी व्यापारिक संस्थान अपने कार्मिकों के लिए ये सेवायें ले सकता है और कोई भी पीड़ित व्यक्ति संस्था से संपर्क करके पेशेवर सहायता प्राप्त कर सकता है। इस मौके पर मुहिम का पोस्टर भी जारी किया गया और भूमिका भट्ट, विभा भट्ट, राहुल भाटिया, सुनिष्ठा सिंह, एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज, पूनम नौडियाल मौजूद थे।
