वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी, 50 सालों बाद कॉर्बेट में दिखा दुर्लभ प्रजाति का सांप



रिपोर्टर-अमित बेलवाल

वन्य जीव प्रेमियों के लिए किसी दुर्लभ प्रजाति का दर्शन होना किसी उत्सव से कम नहीं होता है। यदि दुर्लभ प्रजाति 50 साल बाद देखी जाए तो फिर क्या ही कहना। सांपों की ऐसी ही एक दुर्लभ प्रजाति एग ईटर सांप कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज में देखा गया है। कॉर्बेट प्रशासन इसको कॉर्बेट पार्क की जैव विविधता के तहत शुभ मान रहा है। सांपों की इस दुर्लभ प्रजाति के बारे में वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिमवाल कहते हैं कि यह इंडियन एग ईटर सांप है। यह केवल चिड़ियों या अन्य चीजों के अंडे खाकर ही जिंदा रहता है, इसलिए इसका नाम एग ईटर रखा गया है। 50 साल पहले विलुप्त होने की घोषणा यह अन्य सांपों से बिल्कुल भिन्न होता है। उन्होंने कहा कि यह सांप कई दशक पहले विलुप्त घोषित किया गया था। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ही 50 साल पहले यह सांप देखा गया था। इस सांप की लंबाई लगभग आधा मीटर तक होती है। इस सांप की एक खासियत है कि ये अंडे का केवल भीतरी हिस्सा खाता है। एग ईटर अंडे के अंदर का हिस्सा मुंह के अंदर निगल जाता है और उसका छिलका मुंह से बाहर फेंक देता है। उन्होंने कहा कि इसका देखा जाना कॉर्बेट प्रशासन के लिए एक अच्छा संकेत है।

