December 13, 2024

श्री झण्डे जी मेले की भव्यता एवम् दिव्यता के पुण्य को श्रद्धापूर्वक आत्मसात कीजिए: श्री महाराज जी

Shri Jhande ji, imbibe the grandeur and divinity of the fair with devotion: Shri Maharaj ji.

 

 

नामदान की महिमा एवम् सूत्र को आत्मसात करने का दिया संदेश।

देहरादून। श्री झण्डे जी मेलेे की भव्यता एवम् दिव्यता को आत्मसात करते हुए संगतें नामदान का जप करतीे रहें। गुरु के नाम का स्मरण करने से जीवन की हर बाधा दूर हो जाती है। नामदान जीवन को प्रकाशमय बनाए रखता है। नामदान के सूत्र को अपने जीवन में आत्मसात करें। परमपूजनीय ब्रहमलीन श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य धर्म एवम् अध्यात्म के क्षेत्र में किए गए अतुलनीय योगदान को हमेशा याद रखते हुए धर्ममार्ग पर चलते रहने का आर्शीवचन दिया। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को आर्शीचयन देते हुए नामदान एवम गुरू महिमा से प्रकाशमय किया। उन्होंने युवा संगतों का विशेष रूप से आह्वाहन करते हुए कहा कि मेले में वृद्धजनों, महिलाओं एवम् बच्चों को विशेष रूप से वरीयता देते हुए हरसम्भव प्राथमिकता दें हर सम्भव सहायता उपलब्ध करवाएं। उन्होनें कहा कि पानी बहुत अमूल्य है। जल संचय जीवन संचय इस सूत्रवाक्य को आप सभी जीवन में आत्मसात कीजिए।
बुधवार को श्री दरबार साहिब में दर्शन और मनौतियों का क्रम चला। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को दर्शन दिए। संगतों ने श्री झण्डा साहिब श्री दरबार साहिब में माथा टेका और मनौतियां मांगी। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी संगतों को आर्शीवाद देकर प्रदेश व देशवासियों की सुख समृद्धि की अरदास की।

मेला समिति पदाधिकारियों की प्रशासन के साथ हुई बैठक
बुधवार को अपर जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक हुई । बैठक में अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, नगर मैजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, सीओ सिटी नीरज सेमवाल सहित एलआईयू, नगर निगम, यूपीसीएल एवम् श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने मिलकर मेले की तैयारियों व सफल आयोजन की रूपरेखा तैयार की।
गिलाफ सिलने का काम तेज़
बुधवार को गिलाफ सिलने का काम तेज़ पूरा हो गया है। महिलाएं सिलाई मशीन की मदद से गिलाफ तैयार करने के काम में जुटी हुई हैं। काबिलेगौर है कि श्री झण्डे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण होता है। सबसे भीतर की ओर सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 41 (इकतालीस) होती है। मध्यभाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 21 (इक्कीस) होती है। सबसे बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है इनकी संख्या 1 (एक) होती है। इस साल अहराणा कला, होशियारपुर, पंजाब के हरभजन सिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
गुरु भक्ति में रंगी संगत
देश विदेश से आई संगत गुरु भक्ति में पूरी तरह रम चुकी है। संगतों ने एक से बढ़कर एक गुरु महाराज के भजन गाए व गुरु भक्ति की महिमा में डूबे रहे। बच्चे बड़े महिलाओं ने गुरु महिमा के गुणगान में बढ़चढ़ कर भागीदारी की।
मेला अस्पताल शुरू
श्री दरबार साहिब परिसर में श्री महंत इन्दिरेश अस्प्ताल ने मेला अस्पताल शुरू कर दिया गया है। डाॅक्टरों एवम् नर्सिंग की टीम के साथ फार्मासिस्ट व अन्य मेडिकल स्टाफ मेला आयोजन स्थल पर मउपलब्ध हैं। देश विदेश से आने वाली संगतों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मेडिकल टीम एक्शन मोड में है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने आपातकालीन परिस्थितियों के लिए 2 एम्बुलंेंस भी मेला आयोजन स्थल पर उपलब्ध करवाई हैं। बाजार कोतवाली की ओर से मेला आयोजन स्थल पर मेला थाना कल से संचालित हो जाएगा। 28 मार्च एवम् 29 मार्च को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ब्लड बैंक की टीम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करेगी। 31 मार्च को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल एवम् महाकाल के दीवाने संस्था के सहयोग से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित होगा। संगतों की ओर से बढ़चढ़ कर निःशुल्क रक्तदान शिविर में भागीदारी की जाएगी।
बच्चों के मुडंन हुए – ढोल की थाप पर जमकर नृत्य
सनातन धर्म में मुण्डन का विधान है। यह 16 मुख्य संस्कारों में से एक है। श्री झण्डा जी मेला आयोजन के दौरान देश विदेश से आने वाली संगतें बड़ी आस्था व श्रद्धाभाव के साथ अपने बच्चों का मुण्डन संस्कार श्री झण्डा जी परिसर में करवाते हैं। बुधवार को श्री झण्डा जी परिसर में यह नजारा सभी के आकर्षण का केन्द्र रहा। श्री झण्डे जी मेला परिसर में देश विदेश से आई कई संगतों ने छोटे बच्चों के मुंडन करवाए। श्री झण्डा जी मेला आयोजन के दौरान विभिन्न मांगलिक अनुष्ठान किये जाते हैं। ऐतिहासिक गुरु की नगरी में श्री झण्डे जी के समक्ष बच्चों का मुंडन कार्य बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दौरान बच्चों के माता पिता व नाते रिश्तेदारों ने ढोल की थाप पर नृत्य किया व जमकर खुशियां मनाईं और श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल

error: Content is protected !!