महड़ गांव दशज्यूला पट्टी में 100 साल बाद फिर पाण्डव नृत्य का आयोजन,ग्रामीणों में भारी उत्साह





जनपद रूद्रप्रयाग के महड़ गांव दशज्यूला में 23 नवंम्बर से 7 दिसंबर तक 15 दिवसीय पांडव नृत्य का आयोजन किया जायेगा। लगभग 100 साल बाद आयोजित इस देव कार्य के लिए महड़ तल्ला व मल्ला समेंत समस्त दशज्यूला पट्टी में खुशी व उत्साह का माहौल है।इस एतिहासिक कार्यक्रम में महड़ गांव के ग्रामीणों के अलावा प्रवासी ग्रामीणों में भी भारी उत्साह का माहौल बना हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता सुर्दशन प्रसाद सती ने बताया कि इस पांडव नृत्य में 23 नवंम्बर को दीप प्रज्वलित,25 नवंम्बर को बाण प्रर्दशन(निकालना),27 नवंम्बर को गंगा स्नान मोर,के अलावा 5 दिसंबर को महिला पतंजलि योग समिति के द्वारा गढ़वाली में चक्रव्यूह नाटक का मंचन विशेष आर्कषण का केन्द्र रहेगा। 7 दिसंबर को इस पांण्डव नृत्य का समापन्न किया जायेगा।
15 दिवसीय एतिहासिक पाण्डव नृत्य के लिए महड़ गांव में लगभग सभी तैयारियां हो चुकी है। जिसके लिए महिला मंगल दल,व नवयुवक मंगलदल महड़ गांव द्वारा अपना भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। महड़ तल्ला मल्ला गांव के लगभग 65 परिवार इस पांण्डव नृत्य कार्यक्रम मंे सामिल है। इस देव कार्य के लिए सभी लोगों की सामूहिक सहमति के साथ साथ भरपूर सहयोग भी किया जा रहा है।
आपको बता दंे कि, महड़ गांव दशज्यूला पट्टी में लगभग 92 साल के बाद मॉ चण्डिका भवानी की एतिहासिक दिवारा यात्रा का आयोजन किया गया था जिसमें चमोली जनपद पोखरी व्लॉक के 8 गांवों समेंत कुल 24 गांव सामिल हुऐ थे। वही बीते जून माह में महड़ गांव में मॉ चण्डिका भवानी मंदिर में सत चण्डी पाठ के साथ प्रसिद्व कथा वाचक नीलकंठ पुराहित जी महाराज के मुखारविंद भव्य रामकथा का आयोजन किया गया था। मॉ चण्डिका दिवारा यात्रा के बाद महड़ गांव में यह तीसरा बड़ा देव कार्य का आयोजन किया जा रहा है।

