राज्य के विकास में नाबार्ड उत्तराखंड का रहा ऐतिहासिक वित्तीय योगदान
वर्ष 2023-24 में नाबार्ड उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राज्य के विकास में ऐतिहासिक वित्ताय योगदान
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, उत्तराखंड राज्य में सर्वश्रेष्ठ कार्यनिष्पादन का प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। नाबार्ड द्वारा उत्तराखंड राज्य सरकार, राज्य में कार्यरत बैंकों, अन्य विकास हितधारकों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान ₹4,113 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की गई जिसमें ₹4,098 करोड़ का ऋण तथा ₹15 करोड़ का अनुदान शामिल है, जो पिछले वर्ष की वित्तीय सहायता ₹2,937 करोड़ से 42% अधिक है।
- वित्तीय सहायता में मुख्य रूप से ₹3,292 करोड़ सहकारी बैंकों व उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक को कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए पुनर्वित्त दिया गया ताकि राज्य के सभी किसानों को कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण प्राप्त हो सके। इसमें ₹1,224 करोड़ अल्पकालीन पुनर्वित्त (Short Term), ₹586 करोड़ दीर्घकालीन पुनर्वित्त (Long Term) एवं ₹1,482 करोड़ राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों को सीधी पुनर्वित्त सहायता (Direct Refinance Assistance) के रूप में प्रदान की गई। इससे राज्य के लगभग 09 लाख किसान लाभान्वित हुए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं को स्थापित करने के लिए, आरआईडीएफ योजना के तहत राज्य सरकार को ₹753 करोड़ की सहायता प्रदान की गई जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 23% अधिक है। साथ ही वर्ष 2023-24 के दौरान आरआईडीएफ के अंतर्गत ₹904 करोड़ के 410 नए प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए गए जो पिछले वर्ष ₹778 करोड़ की तुलना में 16% अधिक है। वर्ष के दौरान स्वीकृत नए एवं प्रभावशाली प्रोजेक्ट्स में मुख्यतः राज्य में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता वाली डेयरी प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की परियोजना, केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़े एवं खच्चरों के लिए 03 ट्रांज़िट पशु अस्पतालों की इकाइयों को स्थापित करने की परियोजनाएं, आदि शामिल हैं। नाबार्ड ने राज्य की स्थापना से अब तक, राज्य सरकार को ₹11,712 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया है, जिससे राज्य में खेती के लिए नहरी पानी की पहुँच, कृषि में स्प्रिंकल और टपक सिंचाई को बढ़ावा, राज्य में बागवानी फसलों को प्रोत्साहन, ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा, सुदूर क्षेत्रों में शैक्षणिक भवनों का निर्माण, बाढ़ रोकथाम, आदि को बढ़ावा मिलेगा । इसके तहत 15268 किलोमीटर सड़क, 27307 मीटर की लंबाई के पुल, 2.29 लाख हे. में सिंचाई की व्यवस्था, 17648 पॉलीहाउस का निर्माण, 241शैक्षणिक भवनों का निर्माण सुनिश्चित किया गया है। साथ ही इन परियोजनाओं के माध्यम से 2552 लाख नॉन-रेकरिंग मौनडेज रोजगार भी उपलब्ध हुआ है ।
- नाबार्ड द्वारा सी.सी.एफ. सहायता (फ़ैडरेशन को ऋण सुविधा) के अंतर्गत पहली बार ₹100.00 करोड़ स्वीकृत एवं ₹51 करोड़ वितरित किए गए जिससे उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ द्वारा कृषि उत्पादों के विपणन हेतु उपयोग में लाया गया है।
2. नाबार्ड अपनी विभिन्न विकासात्मक कार्यों एवं पहलों के माध्यम से राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी ध्येय को पूरा करने हेतु नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों/ एनजीओ / प्रोड्यूसर संस्थानों/ कृषि विज्ञान केन्द्रों / विश्वविद्यालयों, इत्यादि को विभिन्न पहलों यथा वित्तीय समावेशन फ़ंड, एसएचजी/ जेएलजी के संवर्धन हेतु, वॉटर शेड विकास निधि, आदिवासी विकास निधि, ग्राम्या विकास निधि, पीओडीएफ, सहकारी विकास निधि, प्रोड्यूस फ़ंड, क्लाइमेट चेंज तथा अनुसंधान और विकास निधि के अंतर्गत ₹15 करोड़ की अनुदान सहायता वितरित की है तथा ₹7.60 करोड़ की अनुदान सहायता भी स्वीकृति की है। इन सब विकासात्मक कार्यों एवं पहलों की वजह से राज्य में लोगों के कौशल में वृद्धि, जागरूकता के स्तर में वृद्धि, रोजगार के और अधिक अवसर और अंतत: उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
3. वर्ष 2023-24 के दौरान विकासात्मक गतिविधियों के अंतर्गत नाबार्ड ने राज्य में कई प्रकार की पहलों को इनमें से मुख्यत: कृषि उत्पादक संगठनों के सृजन, आदिवासी विकास कार्यक्रम, जलागम कार्यक्रम, कृषि एवं गैरकृषि क्षेत्रों में विभिन्न नवोन्मेषी योजनाऐं, आजिविका अर्जन हेतु कौशल विकास कार्यक्रम (8000 युवाओं एवं महिलाओं को प्रशिक्षित करना), वित्तीय समावेशन के विभिन्न कार्यक्रम ग्रामीण उत्पादों को उचित बाजार दिलवाने हेतु जिला/राज्य/राष्ट्रीय स्तर के मेलों के आयोजन करना इतयादि शामिल है।