हिमवंत कवि चन्द्रकुवंर वर्त्वाल का साहित्य स्कूलों तक पंहुचे :मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली









गोपश्वर चमोलीःहिमवंत कवि चन्द्रकुंवर वर्त्वाल का साहित्य अब जल्द चमोली जनपद के विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा।जिससे हिन्दी साहित्य में रूचि रखने वाले छात्र छात्रोओ को साहित्य श्रृजन की प्रेरणा मिलेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली कुलदीप गैराला ने बताया कि चन्द्रकुवंर बर्त्वाल का साहित्य सृजन तत्कालीन छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद,सुमित्रा नंदन पंत,सुर्यकांत त्रिपाठी निराला के समकक्ष है। उनकी कविताऐं उच्च कोटि की है। हमारा प्रयास रहेगा कि जब भी हम विद्यालयों के लिए पुस्तकें क्रय करेंगे तब चन्द्रकुवंर बर्त्वाल साहित्य की पुस्तकें भी खरीदा जाय ताकि विद्यालयों के पुस्तकालयों समेत सरकारी वाचनालयों में यह साहित्य पाठकों को पढ़ने को मिले। उन्होंने ने कहा कि स्कूली बच्चों तक चन्द्रकुवंर बर्त्वाल साहित्य पंहुचना आवश्यक है।


आपको बता दें कि हिमवंत कवि के नाम से प्रसिद्व चन्द्रकुवंर बर्त्वाल के जीवन का शुरवाती समय चमोली जनपद के पोखरी व्लाक उडामाण्डा व नागनाथ में गुजरा है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा उडामाण्डा और मिडिल शिक्षा नागनाथ स्कूल में हुई है। नागनाथ के प्राकृतिक सौन्दर्य से ही उन्होनें कालजयी रचनाओं की शुरवात की। प्रसिद्व कविता ‘काफल पाको’ समेत बांज बुरांश,हिमालय आदि विषयों पर उनकी कविताओं को उन्होंने नागनाथ में विद्यार्थी जीवन में लिखा था। 28 साल की अल्प आयु में छय रोग के कारण देहान्त होने से पहले उन्होंने एक हजार से अधिक कविताओं का संग्रह। कई गद्य संग्रह,व दो यात्रा वृतांत लिख चुके थें। उनकी कविताओं की तुलना अंग्रेजी साहित्य के महान कवि कीटस से भी की जाती है।