दो दिन बाद भी पेयजल व बिजली के लिए तरसे कूंज,कांडा,खंण्डरा व डूग्री के ग्रामीण,धामी सरकार से लगाई मदद की गुहार





बीते दिनों से समूचे उत्तराखंड में हो रही भारी बारिस ने आम जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। वही भारी बारिस व भूस्खलन से चमोली जनपद के अनेक क्षेत्रों में भारी तबाही मची हुई है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर के धिधराण रोड़ पर स्थित खण्डारा,कूंज,मैकोट, आदि गांवों का मुख्य बाजार व अन्य गाँव से सम्पर्क टूट गया है। इन गांवों में कई गोसालायें दबी हुई है। जिनमें 24 से अधिक जानवरों के दबें होने की आसंका है। खण्डारा गांव से अन्य गांवों का सम्पर्क न हो पाने और गांव के चारों ओर भूस्खलन के कारण अधिकतर ग्रामीण अपनी गोसालाओं तक नहीं जा पा रहे है।
दो दिन बीत जाने के बाद भी यहां पर पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधा भी सुचारू नहीं हो पाई है। जिलाधिकारी चमोली के आदेश पर एसडीआरएफ की टीम गांव तक तो पंहुची लेकिन एसडीआरएफ टीम भी बुरे हालतों में गांव तक पंहुच पाई है। साशन ने ग्रामीणों को नुकसान के मुवावजे के लिए राजस्व टीम को भेजने का आस्वासन दिया है लेकिन इन गांवों तक पंहुचने के लिए पैदल रास्ता तक न होने के कारण यहां साशन व प्रसाशन भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
परेसान ग्रामीणों ने स्यंमसेवी संस्थाओं राज्य सरकार से तत्काल राहत व बचाव की गुहार लगाई है। बादल फटने के कारण चारों ओर से सड़क मार्ग व पैदल मार्ग बुरी तरह से छतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वह बारिस के पानी को पीकर जी रहे है। स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है। प्रसाशन द्वारा सड़क मार्ग खोलने के लिए जेसीपी मशीन तो भेजी गई है लेकिन वह भी पाटी तक ही पंहुच पाई है। यहां पर भारी मलबा आने से कूंज,मैकोट, डूग्री,काण्डा,खण्डरा, आदि गांवों तक पंहुचना संभव नहीं हो पा रहा है।

