कलना गांव में आयोजित पांडव नृत्य का रंगारंग समापन,पांडव देवताओं ने ग्रामीणों को दिया सुख समृद्धि का आर्शीवाद
रूद्रप्रयाग/कलनाःउत्तराखंड अपनी समृद्ध लोक संस्कृति एवं विरासतों के लिए देश व दुनियां में विख्यात है।यहां पर सालभर लोक उत्सव के तौर पर विभिन्न क्षेत्रों में मेले व देवी देवताओं की दिवरा यात्रा,लोक नृत्यों का आयोजन किया जाता है।
इसी क्रम में रूद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनी व्लाक ग्रामसभा कलना में पांडव नृत्य का आयोजन किया गया। स्थानीय ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र भण्डारी का कहना है कि इस परम्परागत पांडव नृत्य के उत्सव को मनाने के लिए प्रवासी ग्रामीण भी देश व प्रदेश से गांव पंहुचते है।लगभग 150 से अधिक परिवारों वाले ग्रामसभा कलना में पांडव नृत्य का आयोजन हर तीसरे साल में आयोजित किया जाता है।जिसमें हर ग्रामीण अपनी सहभागिता निभाता है।इस पांडव नृत्य में हर दिन आयोजक गांव के अलवा आस-पास के गांवों से भी दिन में पांडव देवताओं के लिए भोज का निमंत्रण होता है। जहां पांडच देवताओं के पश्वा के अलावा अन्य ग्रामीण भी देवभोज में सामिल होते है।देव भोज के बाद उस गांव में पांडवों की गाथा गायी जाती है।और पांडव देवता देवभोज के आयोजक गांवों को धन धान्य,समृद्धि व सुखी सम्पन्नता का आर्शीवाद देकर अपने मूल आयोजक गांव को प्रस्थान करते है।पांडव नृत्य कार्यक्रम के अंन्तिम दिन सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है। जहां सभी ग्रामीणों को पांडव देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज,कलना गांव रूद्रप्रयाग
