तुंगनाथ में फिर गर्माया घोडा खच्चर संचालकों का मामला, वन विभाग ने सेंचुरी एरिया में ठिकाने बनाने पर लगाई रोक;Video




भानु प्रकाश नेगी,हिमवंत प्रदेश न्यूज
रूद्रप्रयागःतृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात बाबा तुंगनाथ के कपाट खुलने से पहले चोपता तुंगनाथ की सर्द वादियों में गर्म हवायें बहने लगी है। दरअसल तीसजूला क्षेत्र के घोड़ा खच्चर संचालकों की मुस्किलें यहां कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। इस बार यह मुस्किल वन वन विभाग द्वारा खड़ी कर दी गई है। वन विभाग द्वारा घोड़ा खच्चर संचालकों को सेंचुरी एरिया से दूर इन पशुओं के ठिकाने बनाने का फरमान जारी किया गया है। जिससे यहां के घोड़ा खच्चर संचालक वन विभाग के विरूध सड़कों पर उतर आये है। घोड़ा खच्चर संचालकों द्वारा चोपता में एक विशाल रैली का आयोजन कर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
वहीं डीएफओं केदारनाथ वन प्रभाग का कहना है कि, चोपता तुंगनाथ में घोडे खच्चरों के संचालन पर काई रोक नहीं लगाई गई है।लेकिन घोडे खच्चर संचालकों को संेचुरी एरिया के अर्न्तगत ठिकाने बनाने की अनुमति नहीं है। इन घोड़ा खच्चर संचालकों को चोपता चटट्ी से पहले ठकाने बनाने नहीं दिया जायेगा जिससे संवेदनशील सेंचुरी एरिया को दोहन से बचाया जा सके।उन्होंने कहा कि घोड़ा खच्चर संचालक जबरदस्ती अपनी बात को मनवाने पर तुले है।
आपको बता दें कि बीते सालों तक ईको पर्यटन समिति तुंगनाथ चोपता द्वारा भारी शुल्क के साथ घोड़ा खच्चर संचालकों को यहां अस्थाई ठिकाने बनाने दिया जाता था। लेकिन इस बार वन विभाग की सख्ताई के बाद घोड़ा खच्चर संचालक दुविधा में पड़ गये है। जिससे वन विभाग व घोड़ा खच्चर संचालकों के बीच लगातार टकराव बढ़ता जा रहा है। दिलचस्प होगा की आक्रोसित घोड़ा खच्चर संचालक अपनी बात को वन विभाग से मनवा पाते हैं या नहीं?