RWA/AWHO प्लाट धारको की वार्षिक बैठक आयोजित,भारत सरकार रक्षा मंत्रालय से लगाई मदद की गुहार
Annual meeting of RWA/AWHO plot holders held, Government of India appeals to Defense Ministry for help
आर डब्लू ए/ए डब्लू एच ओ रूड़की प्लाट धारकों नें आयोजित वार्षिक बैठक में ए डब्लू एच ओ की उदासीनता पर चिंता जताई साथ ही 30 ,35 वर्ष पूर्व लगाई गई अपने जीवन की गाड़ी कमाई को वापिस मांगने हेतु लगाएंगे भारत सरकार रक्षा मंत्रालय से गुहार।
रूड़कीःआर डब्लू ए/ए डब्लू एच ओ के तत्वावधान में स्थान रुड़की शिकार पुर ए डब्लू एच ओ पाकेट बी में पूर्व सैनिक, उनके आश्रितों और वीर नारियों की उपरोक्त विषय हेतु संस्था के अध्यक्ष एस एस एस कैंतुरा साहब की अध्यक्षता में वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन सचिव आर पी भट्ट ने किया। सभी औपचारिकताएं निभानें के पश्चात आय व्यय का ब्योरा अनुमोदित किया गया। तत् पश्चात आर डब्लू ए/ए डब्लू एच ओ रुड़की स्थित नजदीक शिकार पुर प्रसाद विहार पाकेट ए और नजदीक लंढौरा प्रसाद विहार पाकेट बी के प्लाट धारकों ने अपने प्लाटों की दशा और स्थिति पर सवाल किया कि तकरीबन 1989 के आस पास उस समय के पूर्व सैनिक अधिकारियों,जे सी ओज और जवानों ने ए डब्लू एच ओ पर भरोसा कर अपने अपने आशियाने के लिए अपनी हैसियत के मुताबिक उपरोक्त जगहों में प्लाट खरीदे जबकि उस समय बहुत से पूर्व सैनिक अपने कठिन सैनिक जीवन की दिन चर्या में व्यस्त थे इस हालत में सम्भवतः बहुत से सैनिक वहां पर के नियम कानून और हालात से अपरिचित रहे। हालांकि एक डब्लू एच ओ ने उन प्लाटों की देखभाल के लिए सुरक्षा गार्ड की तैनाती और बिजली पानी की लाइनें भी मुहैया करा दी जिस पर पाकेट ए में भी कुछ घर बनने लगे परन्तु पाकेट बी में वहां की हालत के अनुसार दो ही सैनिक अधिकारी अपना आशियाना बना पाए। इसी दरमियान पाकेट बी की बाउंड्री के साथ ही इन्डियन आयल कारपोरेशन ने अपना विशाल गैस भण्डारण स्थापित कर दिया जिससे वह स्थान काफी जोखिम भरा हो गया और नही इस विषय हेतु ए डब्लू एच ओ ने कोई कार्रवाई की होगी जिससे वे पूर्व सैनिक अधिकारी अन्यत्र रहने लग गये और बाद में वहां से सुरक्षा गार्ड भी नदारद होने लग गई वहां पर बीहड़ जंगल उग गया और वहां का लोकल माहौल से अपना सामंजस्य स्थापित न होने के कारण वहां पर अधिकार पूर्व सैनिक बसने को तैयार नहीं है और इतने वर्षों के अन्तराल में सभी अन्यत्र स्थानों में अपने परिवार के साथ बस गए।इस पर भी आर डब्लू ए/ ए डब्लू एच ओ रूड़की लगातार रख रखाव का भुगतान हेतु अपना आदेश दिए जा रहा है।जो कि लोगों की शिकायत है कि जब हम उस स्थान में नहीं रह रहे हैं तो हम किस एबज में भुगतान करें। इसलिए भी पाकेट के प्लाट धारकों नें निश्चय किया कि या तो संस्था हमारे प्लाटों को इकठ्ठा करके बल्क में बिकवाने की कोशिश करें या तो सरकारों से सम्पर्क करके हमें आज के हिसाब से रकम वापिस करा दे तो आभारी रहेंगे। इन प्लाट धारकों के बहुत से बुजुर्ग पूर्व सैनिक साथी भगवान को भी प्यारे हो गए। साथ ही लोगों ने रुड़की रजिस्ट्रार से भी अपने प्लाटों की रजिस्ट्री करा रखी है और स्वामित्व हासिल किया हुआ है। वैसे शिकारपुर पाकेट ए की बाउंड्री के साथ राना स्टील प्लांट स्थापित है। वहां पर भी प्रदूषण आदि का काफी चिंता जताई जा रही है। उत्तराखण्ड सरकार के संज्ञान में भी सम्भवतः यह मामला पहुंचाया गया है। और अब पाकेट बी’ के प्लाट धारकों नें भारत सरकार रक्षा मंत्रालय से भी उपरोक्त समस्याओं के निदान हेतु मन बना लिया है।
इस बैठक में मुख्य वक्ता कर्नल मित्तल, कर्नल एस के भरद्वाज, ग्रुप कैप्टन वी के सिंह, कैप्टन आलम सिंह भण्डारी, अस्सिटेंट कमांडेंट अनिल रघुवंशी आदि सभी थे। इस बैठक में वीर नारियां भी उपस्थित थीं।