भू कानून व मूल निवास की मांग को लेकर 9 अगस्त को सीएम आवास कूच करेंगे आंदोलनकारी





राज्य निर्माण के22 साल बाद भी मूल व मजबूत भू कानून न बनने के कारण उत्तराखंड के मूल निवासियों पर गंभीर संकट मंडराने लगा है । भू कानून ना होने से बाहरी लोगों को उत्तराखंड में जमीन दिए जाने से यहां की शेष 12% कृषि योग्य भूमि लगातार हर साल कम होती जा रही है। जिससे उत्तराखंडयों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बीते कई समय से भू कानून व मूल निवास की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने उनकी बात न माने जाने का राज्य सरकार का आरोप लगाया है।
एक प्रेस वार्ता के दौरान तमाम संगठनों ने भू कानून वह मूल निवास पर ठोस कार्रवाई वह कानून न बनने को लेकर आक्रोश जगाया है।
उन्होंने इस राज्य सरकार को चेताने के लिए 9 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया है।
आंदोलनकारी तमाम संगठनों ने सरकार को चेताया कि अगर उनकी मांग जल्द न मानी गई तो वहां उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार होगी

